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यूहन्ना 14:16 "और मैं पिता से प्रार्थना करूंगा, और वह तुम्हें एक और दिलासा देने वाला देगा, कि वह सदा तुम्हारे साथ रहे।" (अमेरिकी स्टैण्डर्ड वर्शन)





इस छंद में यीशु ने वादा किया है कि एक और "दिलासा देने वाला" आएगा, और इसलिए हमें इस "दिलासा देने वाला" के बारे में कुछ मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।





ग्रीक शब्द परवकोथोसिस, हो पराक्लेटोस, का अनुवाद 'दिलासा देने वाला' के रूप में किया गया है। पराक्लेटोस  का अधिक सटीक अर्थ है 'वह जो दूसरे की पैरवी करता है, एक हिमायती।'[1]  ग्रीक भाषा में हो पराक्लेटोस  का मतलब एक व्यक्ति है, कोई समूह नही। ग्रीक भाषा में प्रत्येक संज्ञा किसी लिंग को दर्शाता है; इसका मतलब है पुल्लिंग, स्त्रीलिंग या तटस्थ। यूहन्ना के सुसमाचार अध्याय 14, 15 और 16 में, हो पैराक्लेटोस  वास्तव में एक व्यक्ति है। ग्रीक में सभी सर्वनामों का मतलब लिंग से होना चाहिए जिसका वे उल्लेख करते हैं और सर्वनाम "हे" का प्रयोग पैराकलेटोस का जिक्र करते समय किया जाता है। नया नियम शब्द नूमा  का उपयोग करता है, जिसका अर्थ है "सांस" या "रूह", "आत्मा" के लिए हिब्रू शब्द पुराना नियम में इस्तेमाल होता है। नूमा  व्याकरणिक रूप से एक तटस्थ शब्द है और इसे हमेशा सर्वनाम "यह" द्वारा दर्शाया जाता है।





वर्तमान समय की सभी बाइबल का संग्रह "प्राचीन हस्तलिपि" से किया गया हैं, सबसे पुराना चौथी शताब्दी सी.ई. का है। कोई भी दो प्राचीन हस्तलिपियां एक जैसी नहीं हैं।[2]  आज बाइबल सभी हस्तलिपियों को मिलाकर तैयार की जाती हैं, इसका कोई एक निश्चित संदर्भ नहीं है। बाइबल के अनुवादक सही संस्करण को "चुनने" का प्रयास करते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो, चूंकि वे नहीं जानते कि कौन सी "प्राचीन हस्तलिपि" सही है, वे हमारे लिए तय करते हैं कि किसी छंद के लिए कौन सा "संस्करण" सही है। एक उदाहरण के रूप में यूहन्ना 14:26 है। यूहन्ना 14:26 बाइबल का एकमात्र छंद है जो पैराकलेटोस  का मतलब पवित्र आत्मा बताती है। लेकिन "प्राचीन हस्तलिपि" इस बात से सहमत नहीं हैं कि "पैराक्लेटोस" का मतलब 'पवित्र आत्मा' है। उदाहरण के लिए, पांचवीं शताब्दी सी.ई. के आसपास लिखी गई प्रसिद्ध कोडेक्स सिरिएकस है जो 1812 में माउंट सिनाई पर मिली, इसके 14:26 में "पैराकेलेट, एक पवित्र आत्मा नहीं, बल्कि "पैराकेलेट, एक आत्मा" लिखा है।





यह महत्वपूर्ण क्यों है? यह महत्वपूर्ण है क्योंकि बाइबल की भाषा में "आत्मा" का सीधा मतलब है "एक पैगंबर।"





"हे प्रियों, हर एक रूह पर यकीन न करो, लेकिन रूहों को परखो कि क्या वे ईश्वर की तरफ से आई हैं या नहीं: क्योंकि बहुत से झूठे पैगंबर दुनिया में आएंगे।"[3]





यह जानना जरुरी है कि कई बाइबल विद्वानों ने पैराक्लेटोस को 'अकेला उद्धारकर्ता (बचाने की शक्ति रखने वाला) माना है, न कि पवित्र आत्मा।[4]





तब यह सवाल उठता है कि: क्या यीशु का पैराकलेटोस, दिलासा देने वाला, एक 'पवित्र आत्मा' या एक व्यक्ति - एक पैगंबर - उनके बाद आने वाला था? इस सवाल के जवाब के लिए, हमें हो पैराकलेटोस  के विवरण को समझना चाहिए और देखना चाहिए कि क्या यह आत्मा के लिए है या इंसान के लिए है।





जब हम अध्याय 14:16 और अध्याय 16:7 से आगे पढ़ेंगे तो हमें पता चलेगा कि यीशु ने आने वाले की और पैराकलेटोस की विशेष पहचान बताई है। और यूहन्ना 14 और 16 के अनुसार, हमें निचे लिखे तथ्य पता चलते हैं।





1.      जीसस ने कहा कि पैराकलेटोस एक इंसान है:





यूहन्ना 16:13 "वह बोलने वाला होगा।"





यूहन्ना 16:7 "...क्योंकि यदि मैं न जाऊं, तो वह दिलासा देने वाला तुम्हारे पास न आएगा।"





यह नामुमकिन है कि दिलासा देने वाला "पवित्र आत्मा" हो क्योंकि पवित्र आत्मा यीशु से बहुत पहले और उनके दौरान भी मौजूद थी।[5]





यूहन्ना 16:13: यीशु ने पैराकलेट को सात बार 'वह' कहा है, न कि 'यह', बाइबल के किसी अन्य छंद में सात पुरुषवाचक सर्वनाम नहीं हैं। इसलिए पैराकलेट  एक व्यक्ति है, आत्मा नहीं।





2.     यीशु को पैराकलेटोस कहा जाता है:





"और यदि कोई गुनाह करता है तो पिता के पास हमारी पैरवी करने वाला (पैराकलेटोस) है, अर्थात् यीशु मसीह।" (1 यूहन्ना 2:1)





यहां हम देखते हैं कि पैराकलेटोस का मतलब पैरवी करने वाला एक इंसान है।





3.      यीशु की दिव्यता एक बाद का नवाचार





325 सी.ई. में नाइसिया की परिषद से पहले यीशु को पैगंबर नहीं माना गया था, लेकिन यहूदियों को छोड़कर हर कोई सहमत था कि वह ईश्वर के एक पैगंबर थे, जैसा कि बाइबल में बताया गया है:





मत्ती 21:11 "...यह गलील के नासरत का नबी यीशु है।"





लूका 24:19 "...यीशु नासरी के विषय में जो परमेश्वर और सब लोगों के निकट काम और वचन में सामर्थी पैगंबर था"





4.    यीशु ने एक और पराक्लेटोस के लिए ईश्वर से दुआ की थी:





यूहन्ना 14:16 "और मैं पिता से दुआ करूंगा, और वह तुम्हें एक और पराक्लेटोस देगा।"





5.      यीशु अन्य पैराकलेटोस के मकसद को बताते हैं:


यूहन्ना 16:13 "वह आपको सभी सच्चाई में मार्गदर्शन करेगा।"





मुहम्मद के बारे में ईश्वर क़ुरआन में कहता है:





"ऐ लोगों, ये रसूल तुम्हारे पास तुम्हारे रब की तरफ से सच लेकर आया है। ईमान ले आओ, तुम्हारे लिये यही बेहतर है..." (क़ुरआन 4:170)





यूहन्ना 16:14 "वह मेरी प्रशंसा करेगा।"





पैगंबर मुहम्मद द्वारा लाया गया क़ुरआन यीशु की प्रशंसा करता है:





"...उसका नाम मसीह, मरियम का बेटा, ईसा होगा, दुनिया और आख़िरत में इज्ज़त वाला होगा, ईश्वर के करीबी बन्दों में से गिना जायेगा।" (क़ुरआन 3:45)





पैगंबर मुहम्मद ने भी यीशु की प्रशंसा की:





"जो कोई भी इस बात की गवाही देता है कि ईश्वर के सिवा कोई भी पूजने के लायक नहीं है, उसका कोई साथी नहीं है, और मुहम्मद उसके बंदे और रसूल हैं, और यीशु ईश्वर के बंदे और पैगंबर हैं, और उसका वचन जो उसने मरियम को दिया था, और उसने एक रूह बनाई, और स्वर्ग और नर्क सच है, ईश्वर उसे उसके कर्मों के अनुसार स्वर्ग में डालेगा।" (सहीह अल-बुखारी, सहीह मुस्लिम)





यूहन्ना 16:8 "वह दुनिया को उसके गुनाह, और ईश्वर के धर्म, और आनेवाले फैसले के दिन का यकीन दिलाएगा।"





क़ुरआन कहता है:





"यक़ीनन उन लोगों ने अविश्वास किया जिन्होंने कहा कि मरियम का बेटा मसीह ही ईश्वर है। हालांकि मसीह ने कहा था कि "ऐ बनी-इसराईल के लोगों ईश्वर की पूजा करो जो मेरा ईश्वर है और तुम्हारा भी।" जिसने ईश्वर के साथ किसी को शामिल किया उस पर ईश्वर ने स्वर्ग निषिद्ध कर दी और उसका ठिकाना नरक है और ऐसे अत्याचारों का कोई मददगार नही।" (क़ुरआन 5:72)





यूहन्ना 16:13 "वह अपनी तरफ से कुछ नहीं कहेगा, लेकिन वह जो कुछ सुनेगा वही कहेगा।"





पैगंबर मुहम्मद के बारे में क़ुरआन कहता है:





“और वह नहीं बोलते अपनी इच्छा से, ये तो एक "वही" है जो उस पर उतारी जाती है।“ (क़ुरआन 53:3-4)





यूहन्ना 14:26 "और मैंने जो कुछ तुम से कहा है, वो वही सब बातें तुम्हें याद दिलाएगा।"





कुरआन कहता है:





"…हालांकि मसीह ने कहा था कि "ऐ बनी-इसराईल के लोगों ईश्वर की पूजा करो जो मेरा ईश्वर है और तुम्हारा भी…" (क़ुरआन 5:72)





…लोगों को यीशु के पहले और सबसे बड़े आदेश की याद दिलाता है जिसे वे भूल गए हैं:





"सब आदेशो में से पहला यह है, 'ऐ इसराईल के लोगों सुनो, प्रभु हमारा ईश्वर एक ही प्रभु है।" (मरकुस 12:29)





यूहन्ना 16:13 "और वह तुम्हें बताएगा कि आगे क्या होने वाला है।"





क़ुरआन कहता है:





"ऐ नबी! ये ग़ैब की खबरों में से है जो हम तुम पर ज़ाहिर कर रहे हैं..." (क़ुरआन 12:102)





पैगंबर मुहम्मद के शिष्य हुदैफा हमें बताते हैं:





"नबी ने एक बार हम लोगों को आने वाले क़यामत के दिन तक क्या-क्या होगा सब कुछ बताया था।" (सहीह अल बुखारी)





यूहन्ना 14:16 "ताकि वह हमेशा तुम्हारे साथ रहे।"





...मतलब उनकी मूल शिक्षाएं हमेशा रहेंगी। मुहम्मद लोगों के लिए ईश्वर के आखिरी नबी थे।[1]  उनकी शिक्षाएं पूरी तरह से संरक्षित हैं। वह उनके मानने वालों के दिलों और दिमागों मे हैं जो उन्ही के अनुसार ईश्वर की पूजा करते हैं। यीशु या मुहम्मद सहित पृथ्वी पर किसी भी मनुष्य का जीवन अनन्त नहीं है। पैराकलेटोस  भी कोई अपवाद नहीं है। यह पवित्र आत्मा का एक संकेत नहीं हो सकता क्योंकि वर्तमान समय में पवित्र आत्मा के धर्म का अस्तित्व ईसा के 451 ईस्वी में चाल्सीडॉन की परिषद तक यीशु के बाद साढ़े चार शताब्दियों तक नहीं था।





यूहन्ना 14:17 "वह सत्य की रूह होगा"





…मतलब वह सच्चा पैगंबर होगा, देखें 1 यूहन्ना 4: 1-3





यूहन्ना 14:17 "दुनिया न तो उसे देखती है...





आज दुनिया में बहुत से लोग मुहम्मद को नहीं जानते।





यूहन्ना 14:17 "...न ही उसे जानता है"





बहुत कम लोग ईश्वर के रहम के नबी, सच्चे मुहम्मद को पहचानते हैं।





यूहन्ना 14:26 "अधिवक्ता (पैराकेलेटोस)"





कयामत के दिन पैगंबर मुहम्मद बड़े पैमाने पर मानवता और पापी विश्वासियों के अधिवक्ता होंगे: 





क़यामत के दिन लोग उन लोगों की तलाश करेंगे जो मुसीबत और दर्द को कम करने के लिए उनकी ओर से ईश्वर से पैरवी (मध्यस्थ) बन सकते हैं। आदम, नूह, इब्राहीम, मूसा और यीशु ये करने से मना कर देंगे।





फिर वे हमारे नबी के पास आएंगे और हमारे नबी कहेंगे, "मैं ही हूं जो ये कर सकता है।" और वह क़यामत के दिन लोगों की पैरवी करेंगे ताकि फ़ैसला किया जा सके। यह 'मक़ामे-महमूद' है जिसका ईश्वर ने क़ुरआन में वादा किया है:





"...ये नामुमकिन नहीं की तुम्हारा रब तुम्हें मक़ामे-महमूद (तारीफ़ के काबिल मक़ाम) पर पहुंचा दे।" (क़ुरआन 17:79)[2]





पैगंबर मुहम्मद ने कहा:





"मेरी हिमायत मेरे समुदाय के उन लोगों के लिए होगी जिन्होंने बड़े पाप किए हैं।" (अल-तिर्मिज़ी)





"मैं स्वर्ग में पहला हिमायती होऊंगा।" (सहीह मुस्लिम)





कुछ मुस्लिम विद्वानों का मानना है कि यीशु ने वास्तव में अरामी भाषा में जो कहा वह ग्रीक के शब्द पेरिक्लिटोस के सबसे ज्यादा करीब है जिसका अर्थ है 'प्रशंसित'। अरबी में 'मुहम्मद' शब्द का अर्थ है 'प्रशंसनीय, प्रशंसित'। दूसरे शब्दों मे कहें तो ग्रीक में पेरिक्लिटोस "मुहम्मद" है। इसके समर्थन में हमारे पास दो मजबूत कारण हैं। पहला, बाइबल में समान शब्द प्रतिस्थापन के कई प्रलेखित मामलों के कारण, यह मुमकिन है कि दोनों शब्द मूल वाक्य में मौजूद थे, लेकिन लिखने वाले ने छोड़ दिए थे क्योंकि प्राचीन रिवाज में शब्दों को बारीकी से लिखते थे और बीच में कोई खाली जगह नहीं छोड़ते थे। ऐसी स्थिति में मूल वाक्य यह होगा, "और वह आपको एक और प्रशंसनीय (पेरिक्लीटोस) दिलासा देने वाला (पैराकेलेटोस) देगा।" दूसरा, हमारे पास विभिन्न युगों के कम से कम चार मुस्लिम अधिकारियों की विश्वसनीय गवाही है जिन्होंने ईसाई विद्वानों के लिए ग्रीक या सिरिएक शब्द का अनुवाद 'प्रशंसित, प्रशंसा की' के रूप में किया था।[3]





नीचे बताये गए लोग वह हैं जो साबित करते हैं कि पैराकलेट वास्तव में मुहम्मद (उन पर ईश्वर की दया और कृपा बनी रहे) का एक संकेत है:





पहला गवाह


पुजारी और ईसाई विद्वान एंसेल्म तुर्मेदा (1352/55-1425 सी.ई.) भविष्यवाणी के गवाह थे। इस्लाम कबूल करने के बाद उन्होंने एक किताब लिखी, "तुहफत अल-अरिब फी अल-रद 'अला अहल अल-सालिब।"





दूसरा गवाह


अब्दुल-अहद दाऊद(पूर्व पादरी डेविड अब्दु बेंजामिन केलदानी), बीडी, यूनीएट-कल्डियन संप्रदाय के एक रोमन कैथोलिक पादरी थे।[4]  इस्लाम स्वीकार करने के बाद उन्होंने एक किताब लिखी 'मुहम्मद इन द बाइबल'। वे इस किताब में लिखते हैं:





"इसमें जरा भी शक नहीं है कि "पेरिक्लाइट" का मतलब पैगंबर मुहम्मद, यानी अहमद है।"





तीसरा गवाह


मुहम्मद के जीवन का सार पहले ही ऊपर दिया जा चुका है। इस छंद पर टिप्पणी करते हुए:





"...एक रसूल जो मेरे बाद आएगा जिसका नाम अहमद होगा..." (क़ुरआन 61:6)





...जहां यीशु ने मुहम्मद के आने की भविष्यवाणी की, असद बताते हैं कि पराक्लेटोस शब्द:





"...लगभग निश्चित रूप से पेरिक्लिटोस (बहुप्रशंसित) शब्द का एक गलत रूप है, जो अरामी शब्द या नाम मवहमाना का एक सटीक ग्रीक अनुवाद है। (यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि अरामीक भाषा यीशु के समय और उसके बाद कुछ शताब्दियों तक फिलिस्तीन में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा थी, और इसलिए निस्संदेह यह वही भाषा थी जिसमें मूल - अब नहीं है - सुसमाचार (बाइबिल) के ग्रंथों की रचना की गई थी। पेरिक्लिटोस और पराक्लेटोस को बोलने की समानता को देखते हुए यह समझना आसान है कि अनुवादक ने कैसे - या शायद बाद के लेखक ने - इन दो अभिव्यक्तियों को अस्पष्ट कर दिया। यह महत्वपूर्ण है कि अरामी मवहमाना और ग्रीक पेरिक्लिटोस दोनों का मतलब वही है जो आखिरी पैगंबर के दो नामों मुहम्मद और अहमद का है, ये दोनों हिब्रू भाषा की क्रिया 'हमीदा' (उसने प्रशंसा की) और हिब्रू भाषा की संज्ञा 'हम्द' (प्रशंसा) से लिए गए हैं।"



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