सामग्री




सर्वोत्तम बात अल्लाह की बात हैऔर सर्ववश्रेष्ठ मार्वमोहम्मद सल्लल्लाह





अलैहह


र्वसल्लम का मार्व है,दष्





टतम चीज़ धमव मेंअवर्वष्काररत बबदअतें (नर्वाचार)


हैं,और धमवमेंअवर्वष्काररत प्रत्येक चीज़ बबदअत है, प्रत्येक बबदअत र्





मराही है


और प्रत्येक र्





मराही नरक मेंलेजानेर्वाली हैं।


) (


2


हैं


स्थावित


स्थावित





४-आि सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम की महानता का एक प्रमाण यह भी हैकक


अल्लाह तआला नेआिको अनेक ऐसी ननशाननयााँ(चचन्ह) प्रदान की हैंजो


आिकी न











व्र्वत (प्रर्वतवन) के साक्ष्य हैं, इब्न





ल-क़य्ययम रहहमह





ल्लाह नेअिनी


3


ि


ुस्तक "इगासतु


ल-लहफान"1 { ि स ११०७} के अंत मेंउल्लेख ककया हैकक यह


चचन्ह १००० सेअचधक हैं। यह बंदों (दास) िर अल्लाह की रह़मत (क





िा) हैताकक


आि की न











व्र्वत (प्रर्वतवन) िर ईमान लानेएर्वं(आिकी बातों) को माननेमेंयह


ननशाननयााँसहायक बनेंएर्वंवर्वरोचधयों के तकों का काट कर सकें.


५-आि सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम की महानता एर्वंश्रेष्ठता का एक साक्ष्य यह


भी हैकक हैकक अल्लाह तआला नेआिको एक ऐसी जीवर्वत मोय्जज़ों (चमत्कार)


प्रदान ककया जो आिकी बेसत (अर्वतररत) सेलेकर क़यामत तक जारी रहनेर्वाला


है। और र्वह हैक़ुरआन- ए -मजीद, क्योंकक समस्त िैगम्बरों के चचन्ह उनकी


मत्ृ








के साथ ही समाप्त हो र्ए ककंतुक़ुरआन ऐसा मोय्जज़ा (चमत्कार) हैजो


उस समय तक बाक़ी रहेर्ा जब तक िथ्





र्वी और उस िर जीवर्वत रहनेर्वालेमन





ष्य


बाक़ी रहेंर्े। आब


ूह





रैरा रय्ज़अल्लाह





अन्ह





सेर्वर्णवत हैकक रसू


ल सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम नेफरमाया:


अथावत: " िैगम्बरों में से कोई िैगम्बर ऐसा नहीं य्जनको क





छ ननशाननयां


(चमत्कार) न दी र्यी हों।


य्जनके अन


ुसार उन िर ईमान लाया र्या। और म


ुझेजो वर्वशाल चमत्कार हदया


र्या र्वह क़ुरआन है, जो अल्लाह नेमेरी ओर अर्वतररत ककया मैंआशा करता ह


ूं


कक क़यामत के हदन चर्नती मेंसमस्त िैगम्बरों सेअचधक मेरेअन





यायी होंर्ें।


2{इस हदीस को ब


ुखारी: ४९८१, एर्वंम





य्स्लम: १५२ नेवर्वर्वरण ककया है।}


६-आि सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम की महानता का एक साक्ष्य यह भी हैकक


अल्लाह तआला नेआि के ऊिर सर्वोत्तम शरीयत( इस्लाम धमव )अर्वतररत


4


फरमाया और उसेउन समस्त उत्तम आदेशों एर्वं शशक्षाओं सेननशमवत ककया जो


समस्त आकाशीय ि


ुस्तकों मेंअंककत थींएर्वंउनमेंअचधक र्वद्ृ


चध भी फरमाया।


७-आि सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम की महानता एर्वं महत्ता का एक साक्ष्य यह


भी हैकक अल्लाह तआला नेआि िर अहादा़ीस ( आि सल्लल्लाह





अलैहह


र्वसल्लम के कायव एर्वं कथन) भी र्वह्य (आकाशर्वाणी प्रकाशन) फरमाई जो


शरीअत (इस्लाम धमव) के वर्वर्वरण सेननशमवत है।


८-आि सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम की महानता एर्वंश्रेष्ठता का एक प्रमाण यह


भी हैकक अल्लाह तआला नेआिको समस्त मानर्व एर्वं य्जनों के शलए रसू





(संदेशर्वाहक) बनाया,जबकक आिकेअनतररक्त अंबबया (िैगम्बरों) को वर्वशेष रुि


सेउनके अिनेही क़़ौम के शलए अर्वतररत ककया।


अल्लाह तआला का कथन है:





अथावत: "हमनेआिको समस्त मानर्व जानत के शलए संदेशर्वाहक बना कर


भेजा।"





अथावत: हम नेआिको समस्त संसार र्वाशसयों के शलए रह़मत (क्रिी) बना कर


भेजा है।


अल्लाह ताला नेयह भी उल्लेख फरमाया हैकक य्जन्नातों नेभी िैगंबर


सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम के ननमंत्रण को स्र्वीकार ककया:





अथावत: "हमनेय्जनों के एक सम


ूह का ध्यान आि की ओर आकवषवत ककया


ताकक र्वेक़ुरआन को सु


नें, जब र्वेउसके ननकट आए तो आिस मेंकहनेलर्ेकक








ि जाओ जब (िढ़ना) समाप्त ह





आ तो अिनेसम


ुदाय के िास र्ए ताकक


(उनको) नसीहत करें."


इस कथन तक( ध्यान दें) :





अथावत: " ए हमारेसम


ुदाय के लोर्ो! अल्लाह की ओर ब





लानेर्वालेकी बात मानो,


उस िर ईमान लाओ, अल्लाह तु


म्हारेिािों को क्षमा प्रदान करेर्ा और तु


मको


ददवनाक िीडा सेम





य्क्त प्रदान करेर्ा।


इस आयत मेंअंककत अल्लाह की ओर ब





लानेर्वाला (दाईा़) का अथव िैगम्बर


मोहम्मद सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम है। आि ही सेय्जनों नेक़ुरआन की


नतलार्वत (सस्र्वर िाठ) सु


नी।


िैगम्बर सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम का कथन है:


अथावत: " प्रत्येक िैगंबर वर्वशेष रुि सेअिनी क़ौमा़ (सम


ुदाय )की ओर भेजेर्ये


और मैंलाल और कालेहर व्यय्क्त की ओर भेजा र्या ह


ूं" 3 {इसेम





य्स्लम:५२१


नेजाबबर बबन (ि





त्र) अब्दल्





लाह रय्ज़ अल्लाह





अन्ह





सेवर्वर्वरण ककया है}


लाल एर्वंकाला का अथवसमस्त संसार है।


९-िैगम्बर सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम की महानता एर्वंउच्चता का एक


साक्ष्य यह भी हैकक अल्लाह तआला नेआि के माध्यम सेन











व्र्वत और


ररसालत (प्रर्वचन एर्वंसंदेशर्वहन) की श्रंखला समाप्त कर हदया इसीशलए


6


आिको खानतम





न्नबीययीन (िैगम्बरों का समािन करनेर्वाला) का उिाचध हदया


र्या अल्लाह तआा़ला का कथन है:





अथावत: "िैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम तु


म्हारेि





रुषों मेंसे


ककसी के विता नहींहैंककंतु


आि अल्लाह के रसू


ल( संदेशर्वाहक) एर्वंसमस्त


िैगम्बरों की श्रंखला को समाप्त करनेर्वालेहैं।"


अब


ूह





रैरा रय्ज़ अल्लाह





अन्ह





फरमातेहैंकक िैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम नेफरमाय:


अथावत: " मेरेएर्वंम


ुझसेि





र्ववसमस्त िैगम्बरों का उदाहरण ऐसा हैजैसेएक


व्यय्क्त नेएक घर बनाया और उसमेंसमस्त प्रकार की सुंदरता का प्रबंध ककया


ककंतु


एक कोनेमेंएक ईंट का स्थान च्छोड हदया, अब लोर् आतेहैंऔर मकान


को चारों ओर सेघ





म कर देखतेहैंऔर आश्चयवमेंिड जातेहैंककंतुयह भी कह


जातेहैंकक इस स्थान िर एक ईंट क्यों ना रखी र्ई? तो मैंही र्वह ईंट ह


ूंऔर मैं


खानतम





न्नबीययीन (अंनतम िैगम्बर) ह


ूाँ।"


4 (इसेब


ुखारी: ३५३५ एर्वंम





य्स्लम: २२८६ नेअब


ूह





रैरा रय्ज़ अल्लाह





अन्ह





से


वर्वर्वरण ककया है।)


१०-िैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम की महानता एर्वंमहत्ता का


एक साक्ष्य यह भी हैकक अल्लाह तआा़ला नेआिके य्ज़क्र (याद) को अनत ब





लंद


फरमाया है। जैसा कक अल्लाह तआला का कथन है:





अथावत: " हमनेआिके य्ज़क्र को को ब





लंद ककया है।"


7


अल्लाह तआा़ला नेआिके नाम को शहादत-ए-त़ौहीद ( इस्लाम मेंप्रर्वेश हेतु


र्वाक्य) का अट





ट अंर् बना हदया:





अथावत: " मैंइस बात का साक्षी ह


ूंकी अल्लाह के अनतररक्त कोई सत्य माब


ूद


(िरमेश्र्वर )नहीं। और इस बात का भी साक्षी ह


ूंकक मोह़म्मद अल्लाह के रसू





हैं।"


अज़ान र्व इक़ामत (नमाज़ के शलए खडेहोतेसमय िढ़ेजानेर्वालेर्वाक्यों) खुत्बा


(उिदेश) नमाज़ - तशह्ह





द र्व तहीययात - (िैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाह





अलैहह


र्वसल्लम का अशभर्वादन) और अत्यंत प्राथवनाओं मेंजहां अल्लाह तआा़ला का


य्ज़क्र (नाम) आया हैर्वहींिैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम का भी


य्ज़क्र (नाम) आया है। इस प्रकार िैगम्बर मोह़म्मद सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम


के य्ज़क्र (याद) सेिथ्





र्वी का कोना कोना र्


ूंज रहा है। संसार मेंकोई भी ऐसा


व्यय्क्त नहीं य्जसका य्ज़क्र (नाम) एर्वं प्रशंसा िैगम्बर मोह़म्मद सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम के य्ज़क्र (याद) और प्रशंसा के प्रकार की जाती हैजैसा कक


हस्सान बबन साबबत रय्ज़ अल्लाह





अन्ह





का कथन है:





अथावत: " अल्लाह तआला नेअिनेिैर्ंबर के नाम को अिनेनाम के साथ


वर्वलय कर शलया है, इस प्रकार कक म





अय्जज़न (अज़ान कहनेर्वाला) िांच समय


के अज़ान मेंजब कशलमह- ए -शहादत (इस्लाम मेंप्रर्वेश हेतु


र्वाक्य) िढ़ता है


तो अल्लाह के नाम के साथ मोह़म्मद का नाम भी लेता है, अल्लाह तआा़ला ने


8


अाािके सम्मान के शलए आिका नाम अिनेनाम सेव्य


ुत्िवत्त ककया हैइसशलए


अशव(अल्लाह का शसंहासन) र्वाला मह़म


ूद हैऔर आि मोह़म्मद हैं।


ऐ म


ुसलमानो! िैगम्बर मोह़म्मद सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम की महानता एर्वं


श्रेष्ठता के यह दस साक्ष्य हैं, यह साक्ष्य अनत अचधक हैंय्जनकी संख्या १००


तक िह


ुंचती है। जैसा कक हमनेि





र्ववमेंउल्लेख ककया है।


अल्लाह तआा़ला क़ुरआन को मेरेशलए एर्वंआि सब के शलए स़ौभाग्यशाली


बनाए, म


ुझेऔर आिको उसकी आयतों एर्वंहहा़कमत (प्रनतज्ञा) िर आधाररत


नसीह़त (िरामशव) सेलाभ िह


ुंचाए। मैंयह बात कहतेह





ए अल्लाह सेक्षमा


चाहता ह


ूंआि भी उससेक्षमा की प्राथवना करेंनन: संदेह र्वह अत्यंत क्षमा प्रदान


करनेर्वाला एर्वंअत्यंत क





िा करनेर्वाला है।


द्वर्वतीय उिदेश:





नन:संदेह सबसेनीच एर्वंसबसेक





रूि बात यह हैकक म


ुस्तफा सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम के सम्मान एर्वंप्रनतष्ठा िर आलोचना ककया जाए आिके साथ


अिशब्द, दर्व





चव न, करक अथर्वा आिका मानहानन करके, उन लोर्ों की ओर से


य्जनके प्रनत इस्लाम नेयह स्िष्ट कर हदया हैकक र्वह इस्लाम एर्वंम


ुसलमानों


सेघण





ा रखतेहैं, ऐसेलोर्ों के प्रनत अल्लाह का कथन सत्य बैठता है:





अथावत: " नन: संदेह आिका शत्र


ुही लार्वाररस और र्





मनाम है।"


9


अथावत: तुझ सेघण





ा रखनेर्वालेएर्वंय्जस हहदायत (हदशा ननदेश) र्व न


ूर (आलोक)


के साथ आि अर्वतररत ह





ए हैं, उससेघण





ा रखनेर्वालेके समस्त चचन्ह शमट


जाएंर्े, उसका कोई नाम लेनेर्वाला ना होर्ा और र्वह हर प्रकार की अच्छाई से


र्वंचचत कर हदए जाएर्ा।


र्वेलोर् जो इस्लाम केवर्वरुद्ध षड्यंत्र रचतेहैंउनकेवर्वरुद्ध अल्लाह यह तरकीब


करता हैकक जब भी र्वेइस्लाम िर आक्रमण करतेहैं, उनके सम


ुदाय का ध्यान


इस्लाम की ओर अचधक बढ़ जाता हैताकक र्वेइस्लामी स्रोतों केमाध्यम सेउसकी


र्वास्तवर्वकता सेअर्वर्त हो सकें, इसके अनतररक्त इस्लामी दार्वत (हदशा ननदेश)


के प्रचार और प्रसार के शलए म


ुसलमान भी अिनेप्रदेशों मेंदार्वती र्नतवर्वचधयों


को तेज़ कर देतेहैं। अल्लाह ताला का सत्य कथन है:





अथावत: " उन्होंनेचालाकी की (आंतररक षड्यंत्र) और हमनेभी और र्वेइसे


समझतेही नहींथे।"


इसके साथ ही म


ुसलमानों को यह ध्यान रखना चाहहए की काकफर म


ुसलमानों


को भडकाना और उकसाना चाहतेहैंताकक र्वेहहंसा, क्रोध, अज्ञानता, म





खतव ा


एर्वंवर्वनाश का प्रदशवन करें, जब र्वेऐसा करनेलर्तेहैंतो र्वह अिनेसम


ुदाय


र्वालों सेकहतेहैं: " देखो इस्लाम एर्वंम


ुसलमानों को, कक र्वेक्या कर रहेहैं।"


कफर लोर्ों को इस्लाम धमवसेरोकनेके शलए मीडडया मेंउनके वर्वनाश के दृश्यों


का प्रसारण करतेहैंइसशलए सार्वधान एर्वंसचेत रहेंयह उचचत नहींकी ननबवल





ुद्चध र्वालेउत्िीडनों मेंिड जाएं। बय्ल्क धीरज सेकाम लें, ख


ुद िर ननयंत्रण


रखना,ज्ञानी एर्वंअन





भर्वी लोर्ों को मामला सौंि देना, इस प्रकार की घटनाओं


10


को अल्लाह की ओर ब





लानेऔर जो शंकाएंउठाए जा रहेहैंउनका खंडन करने


के शलए प्रयोर् करना, र्वाय्जब (अननर्वायव) हैताकक शत्रओ


ु ंको दष्





टता एर्वंधोखा


का अर्वसर न शमल सके और अल्लाह की आज्ञा सेवर्वचारण, क





िा मेंिररर्वनतवत


हो जाए अल्लाह का कथन है:





अथावत: " जो लोर् वर्वश्र्वास नहींरखतेर्वेआिको हल्का (अधीर) ना करें।"


इसके अनतररक्त यह भी जान लें-अल्लाह आि िर दया करे- कक अल्लाह


तआा़ला नेआिको एक बडी चीज़ का आदेश हदया हैअल्लाह का कथन है:





अथावत: "अल्लाह तआला एर्वंउसके देर्वदतू उस िैगंबर िर रह़मत (क





िा) भेजते


हैंए वर्वशर्वाशसयो! तु


म भी उन िर अचधक सेअचधक दरूुद (अशभर्वादन) भेजते


रहा करो।"


िैगंबर सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम का कथन है:


अथावत: " तु


म्हारेिवर्वत्र हदनों मेंसेशक्रु


र्वार का हदन हैउसी हदन आदम


(मन) ु


का जन्म ह





आ उसी हदन उनकी रूह (आत्मा) ननकाली र्ई उसी


हदन सूर (तुरही) फ


ूंका जाएर्ा 5 {अथावत तुरही दसू री बार फ


ूंका जाएर्ा


माने र्वह तुरही हैय्जसमेंइसरफील फ


ूंक मारेंर्े, यह र्वह देर्वदतू हैं


य्जनको तुरही मेंफ


ूंक लर्ानेका आदेश हदया र्या हैय्जसके िश्चात


समस्त जीर्व क़बरों सेउठ खडेहो जाएंर्े।} उसी हदन चीख होर्ी। 6 {


अथावत: य्जससेसांसाररक जीर्वन के अंत मेंलोर् मदहोश होकर चर्र


11


िडेंर्ेऔर समस्त जीर्व की मत्ृ





ुहो जाएर्ी। यह मदहोशी उस समय


उत्िन्न होर्ी जब सुर (तुरही) मेंसर्ववप्रथम फ


ूंक लर्ाया जाएर्ा ०२ फ


ुंक


के मध्य में४० र्वषों का अंतर होर्ा।}


इसीशलए उस हदन तु


म लोर् म


ुझ िर अचधक से अचधक दरूुद


(अशभर्वादन) भेजा करो, क्योंकक तु


म्हारा दरूुद म


ुझ िर प्रस्तुत ककया


जाता है।


{इसेननसाई (१३७३), अब


ूदाऊद (१०४७), इब्नेमाजा ( १०८५) और


अह़मद (८/४) नेवर्वर्वरण ककया हैऔर अलबानी नेसह़ी अब


ूदाऊद में


और म


ुसनद के शोधकतावओंने(१६१६२) के अंतर्वत इसेसत्य कहा है।}


हेअल्लाह! तू


अिनेबंदे र्व रसू


ल (दास एर्वं संदेशर्वाहक) मोहम्मद


सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम िर दया, क





िा एर्वं शांनत भेज, तू


उनके


खु


लफा (मोह़म्मद सल्लल्लाह





अलैहह र्वसल्लम के उत्तराचधकारीयों)


ताबेईन (समथवक) एर्वं क़यामत तक आनेर्वालेसमस्त आज्ञाकायों से


प्रसन्न हो जा!


हेअल्लाह! इस्लाम एर्वंम


ुसलमानों को सम्मान एर्वंप्रनतष्ठा प्रदान कर,


बह





देर्वर्वाद एर्वंबह





देर्वर्वाहदयों को अिमाननत कर दे,तू


अिनेएर्वंइस्लाम


के शत्रओ


ु ं एर्वं वर्वरोधीयों को नाश कर दे,तू


अिने म





र्वय्ह्ा़हद बंदों


(अव्दैतर्वाहदयों) की सहायता प्रदान कर।


12


हेअल्लाह! तूहमारेदेशों को शांनति





णवबना दे, हमारेइमामों (प्रनतननचधयों),


शासकों को सु


धार दे, उन्हेंहहदायत (सही मार्व) का ननदेश दे, और हहदायत िर


चलनेर्वाला बना दे।


हेअल्लाह ! जो हमारेप्रनत, इस्लाम और म


ुसलमानों के प्रनत ब


ुराई का भार्व


रखतेहैं, उसेतू


अिनी ही ज़ात मेंव्यस्त कर देऔर उसके फरेब र्व चाल को


उलटा उसके के शलए र्वबाल बना दे!


हे अल्लाह! म


ुद्रास्फीनत, महामारी, ब्याज बलात्कार, भ





कंि एर्वं


आज़माइशों को हमसेदरू कर देऔर प्रत्येक प्रकार के आंतररक एर्वं


बाह्य कफत्नों (उत्िीडनों) को हमारेऊिर सेउठा ले,सामान्य रूि से


समस्त म





य्स्लम देशों सेऔर वर्वशेष रूि सेहमारेदेशों सेऐ दोनों जहां


के िालनहार!


हे अल्लाह! हमारे ऊिर से महामारी को दरू कर दे, नन: संदेह हम





ुसलमान हैं।


हेअल्लाह! तूसमस्त म





य्स्लम शासकों को अिनी ि


ुस्तक को लार्





करनेएर्वंअिनेधमवके उत्थान की त़ौफीक़ प्रदान कर, उनको उनके


प्रजा के शलए रह़मत (दया) का कारण बना दे!


हेहमारेरब! हमेंदन





नया और आर्खरत मेंसमस्त प्रकार की अच्छाई


दे, और नरक की यातना सेहम को म





य्क्त प्रदान कर!


13


आिका रब ( िालनहार ) अनत सम्मान र्वाला हैऔर उन समस्त चीज़ों


सेिवर्वत्र हैजो बह





देर्वर्वादी उनके प्रनत बतातेहैं।


िैर्म्बरों िर सलाम( शांनत) हैऔर समस्त प्रशंसाएाेांअल्लाह


रब्ब





ल आलमीन ( दोनों संसार का िालनहार) के शलए योग्य हैं।


लेखक: माय्जद बबन सु


लेमान अलरसी


२० रबी-उल-अव्र्वल ,सन्१४४२ हहजरी


 जब





ैल,सऊदी अरब।


उदव





अन





र्वाद: फैज़रु रह़मान हहफज़रु रह़मान तैमी (@Ghiras_4T)


binhifzurrahman@gmail.om


Ghiras4Translation@gmail.com


@Ghiras_4T



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