पैगंबरी के प्रमाण1
समस्त प्रशंसा अल्लाह के ललए है, हम उसी की तारीफ करते हैं, उसी से मदद चाहते हैं और उसी से माफी मांगते हैं, हम स्वयं की बुराइयों से और अपने कमों की बुराइयों से उसी की शरण मांगते हैं।
अल्लाह लिसको सत्य मागग पर चला दे उसे कोई भटका नहीं सकता और लिसे गुमराह कर दे उसे सीधी राह पर लाने वाला कोई नहीं। मैं गवाही देता ह ं लक अल्लाह के लसवा कोई पूिनीय नहीं, वो अकेला है कोई उसका साझी नहीं, मैं यह भी गवाही देता ह ं लक हज़रत मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) अल्लाह के बन्दे और उसके पैगंबर (दूत) हैं।
अतः अल्लाह के बंदो! अल्लाह से वैसे ही डरो िैसे उस से डरना चालहए और उसे गुप्त मामलों में भी खुद पर लनगाह रखने वाला समझो।
अल्लाह ने पैगंबरों को सृलि को सीधी राह लदखाने के ललए भेिा, वे अपने पास रब की वाणी की रोशनी से इंसानी लफतरत को मुकम्मल करते हैं, साथ ही अल्लाह की इबादत, अच्छे कमग और अच्छे चररत्र की तरफ अल्लाह के बंदों को बुलाते हैं, िबलक लोगों को भी पैगंबरों की िरूरत खाने-पीने और सांस लेने से अलधक होती है, क्योंलक इनके लबना सुख, सफलता और अल्लाह की रज़ामंदी हालसल नहीं हो सकती।
अल्लाह पूणगतः लनःस्वाथग होने, पूणग शलि और सवगव्यापी ज्ञान में अलितीय है और सारे पैगंबर (उन सब पर शांलत हो) इंसान हैं उनको ये तीनों शलियां उतनी ही प्राप्त हैं लितनी खुद अल्लाह ने उन्हें आता की हें । अल्लाह ने अपने पैगंबर से कहा : "हे पैगम्बर आप कह दीलिए लक मैं तुम्हें ये नहीं बताता लक मेरे पास अल्लाह के खज़ाने है, न ही मैं अनदेखे (गैब) को िानता ह ं न ही मैं कहता ह ं लक मैं फररश्ता ह ं"
1 ये भासण जुमे के दिन दिनाांक 21-04-1443 को मस्जजि नबवी में दिया गया।
2 पैगांबरी के प्रमाण
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अल्लाह ने अपनी शलि, ज्ञान और बादशाहत के खज़ानों में से लवशेष रूप से उन्हें अपनी स्पि लनशालनयों से नवाज़ , तालक बंदों के ललए लसद्द हो िाए लक वे अल्लाह के पैगंबर हैं, तथा वे खबर देने में लबल्कुल सच्चे हैं, पैगम्बर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) ने कहा :" हर पैगम्बर को वो लनशालनयााँ ज़रूर दी गईं लिन पर इंसान को यकीन होता था"।
अतः हज़रत सालेह (अलैलहस्सलाम) एक लवशाल ऊंटनी लाये िो चान से प्रकट हुई थी, हज़रत इब्राहीम (अलैलहस्सलाम) को भयानक आग में डाला गया लेलकन आग उन्हें कोई क्षलत नहीं पहुाँचा सकी, हज़रत मूसा (अलैलहस्सलाम) को 9 स्पि लनशालनयााँ दी गईं, आप ने अपनी लाठी समुद्र पर मारी तो पानी के दोनों तट पहाड़ की तरह (खड़े हो गए और बीच में रास्ता बन गया), आप ने अपनी लाठी फेंकी तो वो अिगर बन गई। हज़रत दाऊद (अलैलहस्सलाम) और हज़रत सुलेमान (अलैलहस्सलाम) को पररंदों की बोली लसखाई और उन्हें हर ज़रूरी चीज़ दी गई।
हज़रत ईसा (अलैलहस्सलाम) अल्लाह के हुक्म से िन्मिात अंधों और कोलियों को ठीक कर देते, मुदों को लिंदा कर देते, आप ने मां की गोद में बात की और अपने रब के एक होने का एलान लकया।
सारे पैगंम्बारों का अच्छा आचरण और सुंदर चररत्र भी उन की सत्यता की साक्ष्य लनशानी है । इसी तरह उनकी सच्चाई की एक लनशानी यह भी है लक अल्लाह तआला ने उन पैगंबरों और उनके अनुयालययों को लविय बनाया, उन्हें अच्छा पररणाम प्राप्त हुआ, इसके लवपरीत लिन लोगों ने उनको झूठलाया और उनका लवरोध लकया उनको बबागदी और पीड़ा का सामना करना पड़ा।
हमारे नबी हिरत मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैलह वसल्लम) के हाथ पर अल्लाह ने तमाम पैगंबरों से अलधक और उत्तम लनशालनयां िमा कर दीं, शैखुल इस्लाम इमाम इब्ने तैलमया ( रहमतुल्ला अलैह) बयान करते हैं : "पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम)
पैगांबरी के प्रमाण 3
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के मौिेिाा़त (लनशालनयााँ) हज़ार से ज़्यादा हैं, इस दुलनया में ऐसा कोई ज्ञान नहीं है लिसके ललए मुतवालतर समाचार (व्यापक संख्या में लोगों का लकसी चीि के बारे में खबर देना) की आवश्यकता हो, लसवाय पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) की लनशालनयों के, आपकी सच्चाइ की लनशानी और धालमगक पद्दलतयों का ज्ञान उससे अलधक स्पि है"। (अल्लाह का कथन है) "उसी अल्लाह ने अपने पैगंबर को लहदायत (मागगदशगन) और सच्चे धमग के साथ भेिा है तालक तमाम धमों पर वह गाललब आ िाए और गवाही के ललए अल्लाह ही काफी है"।
पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) की पैगंबरी की एक लनशानी यह भी है लक उनके आगमन से पहले पूवग के पैगंबरों ने उनकी खुशखबरी सुनाई थी : हज़रत इब्राहीम और हज़रत इस्माईल (अलैलहमस सलाम) ने कहा था: हे हमारे रब तू लोगों में ऐसा पैगंबर भेि िो उनके सामने तेरी आयतों का पाठ करें तथा लकताब और लहकमत की लशक्षा दें और लोगों को पलवत्र करें"। ईसा (अलैलहस्सलाम) ने कहा:"और मैं एक ऐसे पैगंबर के बारे में खुशखबरी देने वाला ह ं िो मेरे बाद आयेंगे लिनका नाम अहमद होगा"
िब आप बच्चे थे तो आपकी तरफ एक फररश्ता उतरा था, उसने आपके सीने को फाड़ कर शैतान का लहस्सा लनकाल लदया था, अल्लाह ने पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) को नबी बनाने से पहले भी िालहललयत (पूवग-इस्लालमक युग) के कुकमों और गंदी आदतों से बचाए रखा था, ना लकसी ने आप की शमगगाह को देखा, ना ही आपने लकसी मूलतग को छुआ, ना आपने शराब का सेवन लकया, ना ही आपने बुरे काम में लकसी का समथगन लकया।
आपके पैगंबर बनते ही आसमान की सुरक्षा उल्काओं िारा बढा दी गई लिन से शैतान को मारा िाता है, लिन्नात कहने लगे: "और हमने आकाश को छुआ और उसे शलिशाली पहरेदारों और उल्काओं से भरा हुआ पाया"।
पैगंबरी कुछ लनशालनयां ऐसी हैं िो आपकी लिंदगी में िालहर हुईं और कयामत तक
4 पैगांबरी के प्रमाण
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बाकी रहने वाली है, िैसे महान कुरआन, आपकी लशक्षा और ईमान लिसे आप के अनुयालययों ने वहन लकया।
इसी तरह आपकी पैगंबरी की एक लनशानी यह है लक महान अल्लाह ने भूतकाल और भलवष्य की बहुत सारी घटनाओं के बारे में आप को िो सूचना दी थी आप ने उनकी खबर हमें दी और बड़ी तफसील के साथ लोगों को बताया, लिनके बारे में अल्लाह के लसवा कोई नहीं िानता था, अल्लाह ने कहा: "ये सारी खबरें गैब की हैं लिन्हें हम आपकी तरफ उतारते हैं, इससे पहले आप इन घटनाओं से अवगत नहीं थे, ना ही आपकी कौम इन्हें िानती थी"।
चुनांचे पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) ने हमें सामने आदम (अलैलहस्सलाम) की घटना बताई, उन्हें िो फररश्तों ने सिदा लकया था, इबलीस ने सिदा करने से इनकार लकया था और वह घमंड में आ कर के खुद को बड़ा समझ बैठा था, ये सब तफसील से सुनाया। इसी तरह दूसरे कई पैगंबरों के बहुत ही आश्चयगिनक घटनाएं और उनकी तफसील बताई , साथ ही हम से पहले लिन कौमों ने अपने पैगंबरों के साथ मतभेद लकया उसे बयान लकया, इसी तरह असहाब ए कहफ (गुफा वाले) और असहाब ए फील (हाथी वाले) की घटनाओं को बयान लकया।
महान अल्लाह ने सारी सृलि को चैलेंि लकया लक वह कुरान की तरह एक सूरह बना कर लदखाएं, साथ ही खबर दी लक वह कयामत तक ऐसा नहीं कर सकते, हुआ भी यही, कोई भी ऐसा ना कर सका।
कालफरों के बारे में (िब पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) मक्का में बड़ी कमज़ोर हालत में थे) भलवष्यवाणी की लक "पूरी िमात (मक्का के कालफरों का दल) एक लदन परालित होगी और पीठ लदखाकर के भागेगी" कई सालों के बाद लबल्कुल ऐसा ही हुआ। बद्र की लड़ाई से एक लदन पहले मुसलमानों को अल्लाह के पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) ने लदखाया लक कुरैश के बड़े-बड़े लीडर मैदान ए बद्र में
पैगांबरी के प्रमाण 5
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िेर होने वाले हैं। लदखाते हुए आप कहते िाते लक यह फलाने का मृत्यु स्थल है, हज़रत अनस (रलियल्लाहु अन्ह ) बयान करते हैं लक पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) अपने हाथ को िमीन पर रखते और बताते लक यहां यहां फलाने फलाने की मृत्यु होने वाली है, आपने लिस िगह हाथ रखा था वहीं पर उन लोगों की मृत्यु हुई। (सही मुलस्लम)
पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह वसल्लम) खैबर की तरफ लनकले, आपने अल्लाह अकबर कहा और ख़बर दी लक खैबर बबागद हो गया अत: अल्लाह ने आपको उस पर लविय बनाया। (बुखारी वे मुलस्लम)
रुलमयों से लड़ने के ललए आपने अपने सालथयों को मूता (स्थान) भेिा और उनकी खबर आने से पहले ही आपने वहां शहीद होने वालों के नाम लगना लदए। (सही बुखारी)
आपने बताया लक आपके िीवन काल में रूमी पारस पर लविय प्राप्त करेंगे, िब पारस के बादशाह का दूत आया तो आपने उससे कहा लक "इस बात में कोई संदेह नहीं लक मेरे रब ने तेरे रब (रािा) को आि रात मौत क घाट उतार लदया है"। (मुसनद अहमद)
आप िब तबूक (स्थान) के रास्ते में थे तो आपने कहा: "आि रात तूफानी हवा चलने वाली है ललहाज़ा तुम में से कोई भी खड़ा ना हो" (और उस रात वैसा ही हुआ)। (बुखारी वे मुलस्लम)
इसी तरह आपने अपनी मौत के करीब आने की खबर दी और अपने लप्रय रब से लमलने की खबर सुनाई, लमंबर पर बैठे और कहा: "एक बंदा है लिसे अल्लाह ने इलख्तयार लदया है लक उसे दुलनया के बाग व बहार चालहए या अपने रब के पास िो कुछ है वो चालहए तो उसने अपने रब के पास िो कुछ है उसे पसंद लकया", अबू बक्र फूट-फूट कर रो पड़े और कहने लगे हमारे मां-बाप आप पर लफदा हों। (बुखारी वे मुलस्लम) इसके बाद आप कुछ ही लदन रहे लफर आप दुलनया से िुदा हो गए।
6 पैगांबरी के प्रमाण
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आपने यह भी बताया लक आप की मृत्यु से एक शताब्दी के बाद आपके सालथयों में से इस धरती पर कोई भी िीलवत नहीं रहेगा (बुखारी वे मुलस्लम) इस तरह भलवष्य के बारे में आपने िो सूचना दी लबल्कुल वही हुआ।
आपने बैतुल मुकस के लविय के बारे में भलवष्यवाणी की लफर बताया लक उसके बाद ताऊन वबा (प्लेग) फैलेगी लिससे मुसलमान भारी संख्या में मौत से दोचार होंगे, इसके बाद धन दौलत की रेल पेल होगी लेलकन उसे कोई स्वीकार करने वाला नहीं होगा तो वही हुआ लिसकी आपने भलवष्यवाणी की थी, बैतुल मुकस पर लविय प्राप्त कर ललया गया, सीररया में ताऊन वबा (प्लेग) फैली, ये दोनों चीज़ें हज़रत उमर (रलियल्लाहु अन्हु) के लखलाफत काल में हुई, लफर हज़रत उस्मान लबन अफ्फान (रलियल्लाहु अन्हु) के ज़माना में धन दौलत की ऐसी रेल पेल हुई लक अगर कोई आदमी लकसी को 100 दीनार देता था तो वो नाराि हो िाता था।
आपने यह भी भलवष्यवाणी की थी लक "िब शहरों पर लविय प्राप्त होगा तो मदीना वासी भी खुशहाली और समृलद्द की तलाश में लनकलेंगे हालांलक मदीना उनके ललए सबसे बेहतरीन िगह होगा अगर वह िान लें"। (बुखारी वे मुलस्लम)
आपने खबर दी लक रूम और पारस के बादशाह हलाक हो िाएंगे, उनके ख़ज़ानों को अल्लाह के रास्ते में खचग लकया िाएगा, दुलनया पर आपकी उम्मत लविय पा लेगी लेलकन उम्मत के लोग दुलनया पाने के ललए अपने से पूवग के लोगों की तरह एक दूसरे से मुकाबला बािी करेंगे, इस तरह आपकी उम्मत पूवग की उम्मतों का रास्ता अपनाएगी यहां तक लक अगर पूवग की उम्मतों ने गोह के लबल में प्रवेश लकया हो तो वह भी प्रवेश करेगी। (बुखारी वे मुलस्लम)
पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह वसल्लम) ने कयामत की लनशालनयों को भी बयान लकया: िैसे ज्ञान की कमी, मूखगता की बढोतरी, लफतनों का उदय, हत्याओं का बढ िाना
पैगांबरी के प्रमाण 7
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और लोगों का ऊंची इमारतें बनाना
आपने अपने सालथयों के सामने एक लदन खड़े होकर उन सब घटनाओं के बारे में सूलचत लकया िो कयामत तक घटने वाली हैं, हज़रत हुज़ैफा (रलियल्लाहु अन्हु) बयान करते हैं लक एक बार पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह वसल्लम) खड़े हुए और आपने कयामत तक होने वाली चीज़ों में से लकसी भी चीि को नहीं छोड़ा, सबको बयान कर लदया, चुनांचे लिसने याद रखना था याद रखा लिसने भुलाना था वह भूल गया। (बुखारी वे मुलस्लम)
आपने उन दृश्यों के बारे में भी सूचना दी लिन्हें आपने आसमान में देखा था, अल्लाह ने आपको आपकी आत्मा और शरीर समेत मक्का से मलस्िद ए अक्सा( बैतुल मुकस) की सैर कराई, लफर आपको आसमान की तरफ उठा ललया गया यहां तक लक आप लसद्रतुल मुंतहा पहुंच गए, लफर उसी रात आप मक्का लौट आए, वहां आपने िन्नत, िहन्नम, उनमें रहने वाले लोग, लसद्रतुल मुंतहा और िो ब्रह्ांड का प्रबंधन करने के ललए कलम की चरमराई आवाज़ होती है उसे भी आपने सुना था, आपने इन सारी बातों को बताया।
अल्लाह ने आपको अपनी अलौलकक और आम इंसानों िारा देखी िाने वाली लनशालनयों के िारा भी मदद की, इसी ललए अल्लाह ने चांद के टुकड़े कर लदए िो आप की सच्चाई की बड़ी लनशानी है यहां तक लक चांद के दो टुकड़ों को मक्का में और दूसरी िगहों में भी लोगों ने देखा।
आपकी पैगंबरी की लनशालनयां इंसानों में भी िालहर हुईं, हज्िे लवदा के भासण में अल्लाह ने लोगों के कानों को खोल लदया, यहां तक लक पूरे मिमे ने आपकी आवाि को सुना िबलक उस मिममे में लोगों की संख्या एक लाख से अलधक थी। (सुनन अबू दावूद)
पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह वसल्लम) ने हज़रत अनस (रलियल्लाहु अन्हु) के ललए
8 पैगांबरी के प्रमाण
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माल और औलाद की बढोतरी के ललए दुआ फरमाई, हज़रत अनस ने खुद अपने िीवन काल में अपने कुल के 120 औलाद को स्वयं दफन लकया। (बुखारी वे मुलस्लम)
आपने हिरत अबू हुरैरह (रलियल्लाहु अन्हु) और उनकी माता के ललए दुआ की लक हे अल्लाह! इन दोनों को ईमान वालों की निर में प्यारा बना दे, अबू हुरैरह बताते हैं: "सो िो भी ईमान वाला पैदा होता है, िो मेरे बारे में सुनता है या मुझे देखता है वह मुझसे प्रेम करने लगता है"। (सही मुलस्लम)
आपने हज़रत उरवा अल बाररकी (रलियल्लाहु अन्हु) के ललए उनके कारोबार में बरकत की दुआ की तो ऐसा हो गया लक अगर वह लमी भी बेचते तो उसमें भी उनको लाभ होता। (सही बुखारी)
हज़रत अब्दुल्लाह लबन अतीक (रलियल्लाहु अन्हु) का पैर टूट गया तो पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह वसल्लम) ने उस पर हाथ फेरा, पैर ठीक हो गया। (सही बुखारी)
हज़रत अली (रलियल्लाहु अन्हु) की दोनों आंखों में आपने अपना थूक लगाया क्योंलक उनकी आंखों में सूिन आ गई थी, उनकी आंखें ऐसी ठीक हुईं गोया उनमें ददग ही नहीं था। (बुखारी वे मुलस्लम)
आपकी पैगंबरी के साक्ष्य िानवरों में भी िालहर हुए, एक लदन आप (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) ने एक बाग में प्रवेश लकया, ये कुछ अंसारी लोगों का बाग था, उसमें ऐक ऊंट भी था िब उस ऊंट ने पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) को देखा तो रोने लगा, पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) ने उस पर हाथ फेरा तो वह खामोश हो गया, तुरंत ऊंट के माललक से आपने कहा: "क्या इस िानवर के प्रलत तुम्हें अल्लाह का भय नहीं होता लिसने तुम्हें इसका माललक बनाया है! इसने मुझे लशकायत की है लक तुम इसे ददग पहुंचाते हो और तकलीफ देते हो" अथागत बहुत थका देते हो। (सुनन अबू दावूद)
पैगांबरी के प्रमाण 9
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हज़रत आयशा (रलियल्लाहु अन्हा) बयान करती हैं लक अल्लाह के पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) के घराने में एक िंगली िानवर था, आप िब घर से लनकलते तो वो बहुत खेलता उछलता, आगे पीछे छलांगें मारता था, लेलकन िब वह पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) के आगमन की आहट महसूस करता तो लबल्कुल चुपचाप बैठ िाता, लकसी तरह की कोई आवाज़ नहीं करता था, आप (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) िब तक घर में होते वह उसी तरह रहता, की कहीं नबी को परेशानी ना हो। (मुसनद अहमद)
आपकी पैगंबरी की लनशालनयों में से एक खानपान को बढाने का चमत्कार भी है िो कई बार हुआ था, हुदैलबया के स्थान में आपके साथ आपके पंद्रह सौ साथी थे, हज़रत िालबर (रलियल्लाहु अन्हु) बयान करते हैं लक पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) ने अपना हाथ एक छोटे से बतगन में रखा तो आपकी उंगललयों से पानी फूट पड़ा िैसे झरने फूट पड़ते हैं, हमने उस पानी को लपया और उससे विू भी लकया, उनसे कहा गया लक आप लोग लकतने थे? तो उन्होंने बताया लक अगर हम एक लाख भी होते तब भी हमारे ललए वह पानी काफी होता, हम पंद्रह सौ थे। (सही बुखारी)
िात अर-रेका की िंग में पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) ने खाने के बतगन में पानी िमा करवाया और उसी बतगन से पूरी फौि ने अपने बतगनों में पानी भरा।
खैबर में खाना कम पड़ गया तो पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) ने हुक्म लदया लक लोगों के पास िो खाने का सामान है सब िमा कर दें, लफर आपने उन सब चीिों पर बरकत की दुआ की, लफर लोगों ने खाना शुरू लकया यहां तक लक पूरी फौि ने पेट भर खाना खा ललया, उस लदन भी वे पंद्रह सौ थे। इसी तरह आपके साथ तबूक के युद्द में तीस हज़ार की सेना थी, उनको पानी की तलाश थी, आपने वहां के झरनों में से एक झरने से वुिू लकया तो पानी का फव्वारा फूट पड़ा यहां तक लक सारे लोगों ने प्यास बुझाई। (सही मुलस्लम)
10 पैगांबरी के प्रमाण
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हज़रत समुरा लबन िुनदुब बताते हैं लक हम अल्लाह के पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) के साथ एक लकड़ी की ऐक बढी सी गोल प्लेट में बारी-बारी खाना खा रहे थे, सुबह से शाम तक यह दौर चलता रहा, हम में से 10 आदमी (खाना खाने के बाद) खड़े होते लफर 10 आदमी बैठ िाते, (सुन्ने वाले कहते हैं) हमने कहा: लकस चीि से खाना बढता था? तो हज़रत समुरा ने कहा: लकस चीि से तुम्हें ताज्िुब हो रहा है? बस उसी तरफ से तो खाना बढ सकता है, उन्होंने अपने हाथ से आसमान की तरफ इशारा लकया। (सुनन लतरलमिी)
अल्लाह ने पेड़ों और पत्थरों को भी अपने पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) के अधीन बनाकर उनको आपकी पैगंबरी की लनशानी के तौर पर प्रस्तुत लकया, पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) अपने सालथयों के साथ एक घाटी में उतरे और दो पेड़ों को पकड़ा, दोनों पेड़ आपके साथ झुक गए और आपके हुक्म पर दोनों इकट्टे हो गए। (सही मुलस्लम)
आप िब मक्का में थे तो कुरआन सुनने के ललए लिन्नात िमा हुए और आपके पास ही एक पेड़ ने लिन्नात की मौिूदगी के बारे में आपको सूचना दी। (बुखारी वे मुलस्लम)
आप अपनी मलस्िद में खिूर के तने पर टेक लगाकर खुतबा लदया करते थे, लफर आपके ललए लमंबर बनाया गया िब आप लमंबर पर चढकर खुतबा देने लगे तो खिूर का तना बच्चों की तरह तड़प कर रोने लगा यहां तक लक आपने िब उस पर हाथ रखा तब वह शांत हुआ। (सही बुखारी)
आप कहते हैं लक "मैं मक्का में उस पत्थर को िानता ह ं िो मेरे नबी होने से पहले ही मुझे सलाम लकया करता था आि भी मैं उसे िानता ह ं। (सही मुलस्लम)
आप उहुद पहाड़ पर िब अपने चंद सालथयों के साथ िब चढे तो पहाड़ कांपने लगा, आपने उस पर पैर मारा और कहा उहुद पहाड़ लस्थर हो िाओ तो पहाड़ लस्थर हो गया।
पैगांबरी के प्रमाण 11
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(सही बुखारी)
अल्लाह ने पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) की फररश्तों के िररए से भी मदद की, आपसे पहले लकसी को फररश्तों के िररए मदद नहीं की गई थी, यह भी आपकी पैगंबरी की लनशानी है, मक्का में पहाड़ के फररश्ते ने आप से अनुमलत मांगी थी लक आप कहें तो यहां के कालफरों को दो पहाड़ों में पीस लदया िाए, आप ने मना लकया और अल्लाह से उन के ललए मोहलत की लबनती की ।
मक्का से मदीना लहिरत के वि अल्लाह ने कुरान में उस वि का मंिर खींचा है िब दो लोग गुफा में थे तब दूसरे ने अपने साथी से कहा: गम ना करो लनसंदेह अल्लाह हमारे साथ है, तो अल्लाह ने उन पर सुकून व इत्मीनान नालिल लकया और ऐसे लश्कर से मदद की लिन्हें तुम देख नहीं सके।
बदर में बेहतरीन फररश्तों ने आपके साथ लड़ाई लड़ी
उहुद में पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) को देखा गया लक आप दो फररश्ते लिब्रील वे लमकाइल (अलैलहमस्सलाम) के दरलमयान हैं िो आपकी तरफ से सख्त लड़ाई लड़ रहे हैं। (बुखारी वे मुलस्लम)
खन्दक से बनू कुरैज़ा की बस्ती तक फररश्ता लिब्रील (अलैलहस्सलाम) आपके साथ साथ चले। (सही बुखारी)
पैगंबरी की लनशालनयों में से यह भी है लक अल्लाह ने आपको पैगंबरी की हालत में दुश्मनों से बचाया, अल्लाह ने ऐलान लकया लक: "अल्लाह लोगों से आपकी रक्षा करेगा" तो आपके दुश्मन अपने संख्या बल और शलि के बाविूद आप पर कंट्रोल नहीं कर पाए यहां तक लक खुद आप लविई बनकर उभरे।
कुछ यह लदयों ने आप पर िादू लकया तो अल्लाह ने उनके िादू की हकीकत खोल दी और उसे बेअसर कर लदया।
12 पैगांबरी के प्रमाण
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कुछ लोगों ने बकरी के गोश्त में ज़हर लमला लदया तो अल्लाह ने इसके बारे में आपको खबर दे दी।
आपकी पैगंबरी की लनशालनयों में से आपका पलवत्र अखलाक और नेक चररत्र भी है।
आपके मामले के स्पि होने, लोगों का आपके अनुयाई बनने और आप की खालतर खालतर तन मन धन लक बािी लगाने के बाविूद आप की मौत इस हालत में हुई लक आपने कोई लदरहम और दीनार या कोई बकरी या ऊंट अपने पीछे नहीं छोड़ा लसवाय अपने खच्चर, हलथयार और उस िंगी ललबास के िो एक यह दी के पास 30 सा (लगभग 90 लकलो) िौ के बदले में लगरवी रखा हुआ था िो आपने अपने पररवार के ललए खरीदा था।
तत्पश्चात ऐ मुसलमानो! िो भी पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) की पैदाइश से मौत तक की िीवनी पर अध्ययन करेगा िान लेगा लक आप सच में अल्लाह के पैगंबर थे, आप ऐसी वाणी लेकर के आए लिसे ना पूवग के लोगों ने सुना और ना ही दूसरे लोगों ने सुना, आपने हमेशा अपनी उम्मत को तौहीद (एकेश्वरवाद) का हुक्म लदया, उनकी हर भलाई की तरफ रहनुमाई की और हर बुराई से उन्हें रोका, अल्लाह ने आपके हाथ से बहुत ही अिीब चमत्कार और लनशालनयां िालहर फरमाईं, आप एक संपूणग धमग लेकर आए, पूवग की उम्मतों के अंदर िो खूलबयां थीं उन सब को इस धमग में िमा कर लदया गया, ललहाज़ा आप की उम्मत हर गुण में तमाम उम्मतों से ज़्यादा पररपूणग हो गई, इसी से उन्होंने इन गुणों को ललया और सीखा और इसी का आप (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) ने उम्मत को आदेश लदया लिसका नतीिा ये लनकला लक आप के अनुयालययों में से धरती पर सबसे बड़े ज्ञानी बने, सबसे बड़े दीनदार, इंसाफ पसंद और सवगश्रेष्ठ बने।
मैं शालपत शैतान से अल्लाह की शरण मांगता ह ं, "ऐ पैगंबर! आप कह दीलिए लक लनसंदेह मैं तुम्हारे िैसा एक इंसान ह ं लिसकी तरफ वह्य (रब की वाणी) उतारी िाती है लक तुम्हारा पूिनीय रब लसफग एक है, अतः िो अपने रब की मुलाकात पर यकीन रखता है
पैगांबरी के प्रमाण 13
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उसको चालहए लक अच्छे कमग करे और अपने रब की इबादत, पूिा व प्राथगना में लकसी को साझी ना बनाएं"।
अल्लाह मुझे और आपको महान कुरआन के लसललसले में बरकतों से नवाज़े।
14 पैगांबरी के प्रमाण
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दूसरा खुतबा
अल्लाह के एहसान पर उसकी समस्त प्रशंसाएं, उस के मागगदशगन और कृपा पर सारा शुक्र व आभार, मैं अल्लाह को उसके मामले में महान समझते हुए गवाही देता ह ं लक अकेले अल्लाह के अलावा कोई पूिनीय नहीं है वे उसका कोई साझी नहीं है, मैं गवाही देता ह ं लक हमारे पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) अल्लाह के बंदे और उसके रसूल (पैगंबर) हैं।
मुसलमानो! हमारे पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) के मोलििे और उनकी सच्चाई के प्रमाणों पर गौर लफक्र करने से ईमान में इिाफा होता है, आपकी रोशन खूलबयों और पलवत्र शरीयत पर अलधक से अलधक अध्ययन करने से हमें ऊंचाई लमलती है, साथ ही पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैलह व सल्लम) के लबना अल्लाह के बारे में िानकारी का कोई माध्यम नहीं, िो आपकी पैगम्बरी की सच्चाई और उसके रोशन प्रमाणों को िानना चाहता है तो उसे कुरआन को लालिम पकड़ना चालहए।
चूंलक सृलि को दुलनया की हर चीि से ज़्यादा पैगंबरों की ज़रूरत है, इसीललए उसकी सच्चाई के परमाणों को भी अल्लाह ने मुहैया कर लदया तालक उनके िररए से पैगंबरों की सच्चाई को िाना िा सके, ऐसे प्रमाण बहुत ज़्यादा स्पि और आम हैं, कोई शत्रु ही होगा िो इन सब के बाविूद आप पर ईमान नहीं लाएगा, इसी तरह इनकी सच्चाई को मानने से इनकार करने वाला कोई घमंडी ही सकता है, पैगंबरी की सच्चाई को मान्ने और आपकी पैरवी करने में ही सारी भलाई है, लफर िान लो लक अल्लाह ने अपने पैगंबर पर दरूद व सलाम भेिने का आदेश लदया है।